Ravi Water Stopped– दशकों से अधर में लटके शाहपुर कंडी बैराज बनकर तैयार हो गया है जिस से पाकिस्तान के लिए मुश्किलें बढ़ने वाली हैं बताया जा रहा है की 25 फरवरी से पाकिस्तान की तरफ जा रहे पानी पर पूर्णतया रोक लगा दी जाएगी जिससे कठुआ और सांबा जिले की 32 हजार हेक्टेयर जमीन को लाभ मिलेगा और 200 मेगावाट बिजली का भी उत्पादन किया जाएगा इसके साथ ही पंजाब के कुछ हिस्सों को भी इस पानी से लाभ मिलेगा |
भारत पाकिस्तान के बीच हो चुकी है संधि –
1960 में भारत पाकिस्तान के बीच हुए समझोते के मुताबिक रावी,सतलुज और ब्यास नदियों के पानी पर भारत का पूर्णतया अधिकार है जबकि झेलम,सिंधु और चिनाब नदियों पर पाकिस्तान का अधिकार है हालांकि लखन पुर बैराज से पिछले कई दशकों से रावी का पानी पाकिस्तान जा रहा था जिसके चलते समय समय पर इस पर रोक लगाने के लिए प्रियजनाएं लाई गईं लेकिन सफल नहीं हो पाईं 1964 में बनाई गई थी पहली रूपरेखा इसके बाद 1979 में रंजीत सागर डैम और पावर प्लांट बनाए जाने को लेकर पंजाब और जम्मू कश्मीर के बीच समझौता हुआ था जिसे 1982 में योजना आयोग के द्वारा स्वीकृति दी गई थी लेकिन आपसी तालमेल न होने की वजह से काम लटका रहा
1995 से अब तक – पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव ने 1995 में इस परियोजना की आधारशिला रखी थी जिसका काम 2002 में पूरा होना था लेकिन जम्मू कश्मीर और पंजाब सरकार के बीच विवाद क चलते काम रुक गया उसके बाद 2013 में फिर से काम स्टार्ट हुआ लेकिन फिर से जमीन अधिग्रहण,फन्डिंग,डैम के डिजाइन सिंचाई के पानी में हिस्सेदारी को लेकर जम्मू कश्मीर सरकार ने इसका काम रुकवा दिया |
प्रधानमंत्री मोदी की मध्यस्तता से पूरा हुआ कार्य – 2014 में केंद्र में जैसे ही बीजेपी की सरकार बनी तो केन्द्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस मुद्दे को प्रधानमंत्री मोदी के सामने रखा जिसके बाद सभी विवाद सुलझ गए और 2018 में फिर से इसका कार्य स्टार्ट हुआ इस बार किसी तरह की रोक नहीं लगी और 2022 में शाहपुर कंडी बैराज बनकर तैयार हो गया |